चित्रकूट। जगदगुरू रामभद्राचार्य दिब्यांग विश्वविद्यालय में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्त दिवसीय शिविर समापन समारोह के राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि देश के दिब्यांग भाई बहनों के लिए पद्म विभूषण जगदगुरु रामभद्राचार्य जी ने एशिया का एकमात्र दिब्यांग विश्वविद्यालय बना कर ऐतिहासिक कार्य किया है। आज देश प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है देश में नयी दिशा प्रदान करने में भी सभी दिब्यांग भाई बहनों का योगदान है। राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों द्वारा बनाए गए कंपोस्ट गढ्ढे का भी निरीक्षण किया ।जिसमें जैविक खाद का निर्माण होता है ।आपके कार्यों को देखने से ऐसा लगता है कि सामान्य आदमी भी ऐसा कार्य नहीं कर सकता है।आपके अंदर अद्भुत क्षमता है जो घर , परिवार ,समाज और देश के लिए योगदान दें। उत्तर प्रदेश सरकार भी आपके लिए हर समस्या के समाधान के लिए सदैव खडी हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो0 योगेश चंद्र दुबे ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय के छात्रों मे कुछ भी करने का जबरदस्त उत्साह है।आपने अपनी क्षमता से , अथक परिश्रम से यह सिद्ध कर दिया है कि कोई भी कार्य असंभव नहीं है। इस शिविर में आप लोगों ने बहुत कुछ सेवा ,सहयोग, समपर्ण की भावना से सीखा होगा जो आपके जीवन में काम आएगी। इस अवसर पर डा0 महेंद्र उपाध्याय , आर0 पी0 मिश्रा , पीआरओ एस पी मिश्रा , कार्यक्रम अधिकारी डा0 शशिकांत त्रिपाठी ,डा0 सुनीता श्रीवास्तव , रवी प्रकाश शुक्ला , निहार रंजन मिश्रा , जितेंद्र कुमार और आए हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डा.पवन कुमार ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक ,कर्मचारी व छात्र, छात्राएं उपस्थित रहे।
दिव्यांगों की क्षमता देख अभिभूत हुए मंत्री
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