दीपों की रोशनी से नहाई धर्मनगरी, चित्रकूट में राममय हुआ कण-कण

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सतना से विनोद शर्मा की रिपोर्ट

चित्रकूट– मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट धाम में बुधवार को घर-घर में दीप जलाए गए। ये दिन अपने आप में खुशी जताने के लिए काफी था। इस दौरान सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रामघाट और श्री कामदगिरि परिक्रमा स्थल रहा। जिसे हजारों दीपों की लड़ियों के साथ बेहद खूबसूरती से सजाया गया था। बड़ी संख्या में हुए दीप प्रज्ज्वलन से चित्रकूट ऐसे सजा था जैसे मंदाकिनी और कामदगिरि में आसमान से तारे उतर आए हो। इस दौरान इंद्र देवता भी चित्रकूट पर मेहरबान रहे, झमाझम बारिश के बीच राम भक्तों ने दीपदान किया। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण शिलान्यास की खबर को सुनते ही चित्रकूट का शायद ही कोई ऐसा सड़क मार्ग बचा हो,जो दीपकों की रोशनी से नहाय ना हो। नगर के लोगों ने अपने घरों के बाहर भी दीपों से राम नाम लिखा। खुशी में लोग झूमते और राम जी की जय के नारे भी लगाते दिखे। चित्रकूट में दीपावली से कुछ महीनों पहले ही एक और दीपावली देखने को मिली. जब चित्रकूट में लोगो ने मंदिर निर्माण शिलान्यास की खबर सुनते ही दीपावली मनाई। भगवान श्री राम की जन्म भूमि में भव्य मंदिर के भूमि पूजन को लेकर धर्म नगरी में भारी उल्लास देखने को मिला।

अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण शिलान्यास के पूर्व चित्रकूट में भगवान श्री कामदगिरि का पूजन किया गया. जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय एवं सतना सांसद गणेश सिंह, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन, कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपाल दास जी महाराज सहित साधु संत प्रमुख रूप से उपस्थित रहे. इस मौके पर दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि 500 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद आज वह शुभ घड़ी आई है जिसका सबको बेसब्री से इंतजार था।

चित्रकूट की ऐसी महिमा रही है, कि यहां दीपदान करके श्रद्धालु अपने आप को धन्य मानते हैं, स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रभु श्री राम ने यहां रहकर साढ़े 11 वर्षों तक कामदगिरि व मंदाकिनी में दिया जलाया है। और लंका विजय से लौटने के बाद दिपावली के दिन यहां पर दीप जलाकर खुशियां मनाई गई थी। प्रभु श्री राम जब लंका पर विजय प्राप्त करके लौटे तो उस समय प्रभु श्री राम का स्वागत चित्रकूट में सबसे ज्यादा हुआ, जिसमें 33 करोड़ देवी देवताओं ने 33 करोड़ दीप प्रज्वलित करके भगवान की आरती की और खुशियां मनाई। इसलिए खास तौर पर चित्रकूट में दीपावली का विशेष महत्व है. राम मंदिर निर्माण का ऐतिहासिक पल चित्रकूट वासियों के लिए किसी दीपावली से कम नहीं है।

कामदगिरि व मंदाकिनी में दीपदान करने पहुंचे लोगों ने कहा कि चित्रकूट के कण-कण में भगवान विराजे हैं। ये आध्यात्मिक नगरी है. यहां हजारों साल से लाखों लोग दीपदान करने आते हैं, चित्रकूट के रामघाट और कामदगिरि पर कुछ खास मौकों पर दीप प्रज्ज्वलित करने से जो आत्म संतुष्टि मिलती है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता ऐसा लगता है मानो भगवान से साक्षात्कार हो गया हो।

रामघाट मंदाकिनी तट पर दीपदान के दौरान श्रीराम के जयघोष से आसमान गुंजायमान हो उठा। कामदगिरि में जगह-जगह रामधुन, रामायण के पाठ, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का पाठ 1 दिन पहले ही शुरू हो गए थे।

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