- आज विश्व पर्यावरण दिवस पर बी0एस0एफ0 के आई जी राजा बाबू सिंह ने लगाये 2 हजार से अधिक पौधे ।
- विश्व पर्यावरण दिवस आइए एक पेड़ लगाए।
रिपोर्ट – सुधीर त्रिवेदी, वरिष्ठ संवाददाता
मणिपुर /बाँदा :–जनपद के 108 मन्दिरों को हरियाली से सँवारा जाएगा, प्रत्येक मन्दिर में 108 पौधे लगाए जाएंगे पर्यावरण को परवान चढ़ाने वाला यह कार्य बारिश के मौसम जुलाई माह से सुरु होगा लगभग 11 हजार पौधे मन्दिर परिसर में लगाये जायेंगे। बी0एस0एफ0 के आई0 जी0 ने इसके पहले आज विश्व पर्यावरण दिवस पर मणिपुर के चुराचंद्रपुर में वृक्षारोपण का अभियान चलाया जिसमे उन्होंने 2 हजार से अधिक पौधों को लगाया ।
बुन्देलखण्ड के जनपद बाँदा के बाशिन्दे और आई0पी0 एस0 अधिकारी राजा बाबू सिंह ने उठाया है जनपद के पचनेही गाँव के किसान परिवार में जन्मे राजा बाबू सिंह वर्तमान में बी0एस0एफ (सीमा सुरक्षा बल) में आई0जी0 है। राजा बाबू सरकारी सेवा के साथ साथ सुरु से ही सेवा भाव मे लगे रहते है अक्सर उनके द्वारा किये गए कार्य लोगो को समाज सेवा के लिए प्रेणना देते है ।
इस वैश्विक महामारी कोरोना ने ऑक्सीजन की एहमियत बखूबी बता दी है ।इस वैश्विक महामारी में तमाम लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण हम लोगो से बिछड़ गए है , ऑक्सीजन पेड़ों से मिलती है इस महामारी से हुई मौतों ने एक बार फिर उन्हें पेंडो के प्रति आकर्षित किया है ।
नंगी धरती करे पुकार! वृक्ष लगाकर करो श्रृंगार!!
राजा बाबू सिंह ने बताया कि गृह जनपद बाँदा में माह जुलाई में 108 मन्दिरों में 108 पौधों के रोपड़ की मुहिम सुरु करेंगे । पौधों की मन्दिर के पुजारी,श्रद्धालु व मन्दिर प्रबंधन के लोग देख रेख करेंगे ।पौधों के प्रति श्रद्धा भाव और प्रेम बढ़ेगा इस अभियान में करीब 11 हजार पौधे लगाए जाएंगे, जिनकी परवरिश कर उन्हें वृक्ष के रूप में लाया जाएगा ।
बी0एस0एफ0 के आई0 जी0 राजा बाबू सिंह ने इसके पहले आज विश्व पर्यावरण दिवस पर मणिपुर के चुराचंद्रपुर में वृक्षारोपण का अभियान चलाया जिसमे उन्होंने 2 हजार से अधिक पौधों को लगाया । उन्होंने कहा कि तापमान बढ़ रहा है और CO2 पर्यावरण में विरासत भर हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रहा है ।ग्लोबल वार्मिंग उस दिन की वास्तविकता है जब मानवता चरम पर पहुँच गई है , पृथ्वी गिलहरी के पैंच को फिर से करने की प्रक्रिया को उलटने के लिए अपना काम कर रही है,रामायण प्रसिद्धि के प्रयास ।
अश्वत्थमेकम् पिचुमन्दमेकम्
न्यग्रोधमेकम् दश चिञ्चिणीकान् ।कपित्थबिल्वाऽमलकत्रयञ्च
पञ्चाऽम्रमुप्त्वा नरकन्न पश्येत्।।
पीपल,नीम,वट वृक्ष, इमली ,गूलर,बेल, आंवला,आम जैसे वृक्ष जो भी प्राणी, प्राण-शक्ति (ऑक्सीजन) देने वाले इन वृक्षों का रोपण करता है, उसे कभी नर्क नहीं भोगना पड़ता,अर्थात उसे स्वर्ग (परमानंद) की प्राप्ति होती है।