नसीराबाद, रायबरेली। यूपी पुलिस को शातिर गुंडों से ज्यादा एक 10 साल के बच्चे से शांति भंग का खतरा पैदा हो गया है। जिसकी वजह से पुलिस ने दो बच्चों पर ही गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर डाली। पुलिस का अजीबोगरीब कारनामा रायबरेली जिले के नसीराबाद थाना क्षेत्र के बिरनावा ग्राम का है जहां पुलिस ने 10 व 12 वर्ष के बच्चो पर शान्ति भंग की कार्रवाई कर दी। पुलिस के इस कारनामे के खुलासे के बाद हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल पुलिस के अधिकारी अपने इस कारनामे को छिपाने में जुटे हुए हैं।
मामला थाना नसीराबाद थाना क्षेत्र बिरनावा गांव का है जहां के रहने वाले रामचन्द्र के पुत्र जंग बहादुर व सागर पुत्र रामचन्द्र पर पुलिस ने बिना जांच किए 107/116 शान्ति भंग की कार्रवाई कर दी। थाने का सिपाही जब दोनों बच्चों का समन लेकर घर पहुंचा तो परिवार के होश उड़ गए। क्योंकि पुलिस ने परिवार के मासूम बच्चों को ही कागजों में शान्ति भंग में कागजो में नाम चढ़ा डाला और उन्हें इन बच्चों से शांति भंग का खतरा पैदा हो गया।बच्चों का पिता जब अपने बच्चों के साथ SDM के सामने जमानत के लिए पेश हुआ तो वहां अधिकारी भी हैरान रह गए। इसमें कोई दो राय नहीं कि यूपी पुलिस को शातिर गुंडों से नहीं बल्कि 10 साल और 12साल के इन बच्चों से शांति भंग का कुछ ज्यादा ही खतरा है। फिलहाल पुलिस अपने इस कारनामे को छिपाने में जुटे हैं। ऐसे में पुलिस भले ही कागजों में अपनी गलती को सुधार ले लेकिन इस दौरान पुलिस को लेकर जो डर बच्चों के मन में पैदा हुआ है उसकी भरपाई कर पाना शायद मुश्किल होगा। क्योंकि पुलिस ने इन्हें इलाके का शातिर गुंडा घोषित किया है। वही सलून एसडीएम ने बताया कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और बच्चे के ऊपर शांति भंग का जो कार्रवाई की गई थी उसे निरस्त कर दिया गया है और नसीराबाद थाना अध्यक्ष को सख्त हिदायत दी गई है कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए।
अनुज मौर्य रिपोर्ट