बिहार सीएम नीतीश कुमार ज़हरीली शराब से 25 मौतों के सवाल पर बीजेपी विधायक पर भड़के

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बिहार के छपरा में ज़हरीली शराब से 25 लोगों की मौत पर असेंबली में उठे सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपा खो दिया। और बीजेपी विधायक पर भड़क गए। 

बिहार के छपरा में ज़हरीली शराब से 25 लोगों की मौत पर असेंबली में उठे सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपा खो दिया। और बीजेपी विधायक पर भड़क गए। 

बिहार के छपरा में जहरीली शराब से 25 लोगों की मौत हो गई है। कई लोगों का इलाज चल रहा है। इन मौतों को लेकर बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जमकर हंगामा हुआ। BJP ने इन मौतों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया और सदन के अंदर और बाहर नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

विपक्ष के हंगामे से नीतीश कुमार ने अपना आपा खो दिया। गुस्से में उन्होंने BJP विधायकों की तरफ इशारा किया और कहा- क्या हो गया, ए, चुप हो जाओ। मुख्यमंत्री के इस व्यवहार से BJP विधायक नाराज हो गए और नीतीश कुमार को माफी मांगने को कहा। भारी हंगामे के बाद सदन गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 

सदन की कार्यवाही में कैंडिडेट्स पर किए गए लाठीचार्ज को लेकर BJP ने नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगा। शराबबंदी पर सवाल उठाने पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का माइक बंद करवा दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष बोले कि अब जो बोलेगा उसी का माइक ऑन रहेगा। लंच ब्रेक के बाद BJP विधायकों ने जय श्रीराम और सरकार इस्तीफा दो, जैसे नारे लगाए।

ज़हरीली शराब से मौतों पर मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार का अजीब बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भी कानून बनाया, लेकिन इसके बाद भी रेप और हत्या हो रही है ना। शराबबंदी भी वैसे ही है। शराब से मौत तो दूसरे राज्यों में भी हो रही है।

वहीं, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बोले कि बीजेपी सदन नहीं चलने दे रही है और दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित करके जनता के पैसे की बर्बादी कर रही है। शराबबंदी को लेकर जो लोग सवाल कर रहे है, वे लोग भी शराबबंदी के समर्थन में थे। BJP जब सत्ता में थी, उस समय कितने लोग जहरीली शराब से कितने लोग मरे थे। यह भी जनता जानती है।

बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले राज्य में शराब से रोज मौतें हो रही हैं, लेकिन नीतीश कुमार अपनी जिद पर अड़े हैं। बिहार में शराब भगवान की तरह हो गई। जैसे भगवान दिखते नहीं लेकिन सब जगह है। वैसे ही बिहार में शराबबंदी है, लेकिन शराब सब जगह मिलती है। नीतीश कुमार की नाक के नीचे ही बिहार में शराब बिक रही है। नीतीश को लगता है कि इसमें BJP का हाथ है तो कार्रवाई करें। कौन मना कर रहा है। गिरीराज सिंह ने कहा कि बिहार में शराब भगवान जैसी हो गई है। दिखाई भले न दे, पर है हर जगह।

शपथ लेने के बाद आज उन्होंने कहा कि उपचुनाव में जनता ने महागठबंधन को संदेश दे दिया है और अगर यह लोग बूथ कैप्चर नहीं करते तो 20000 वोट से हार जाते। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का इकबाल बिहार में खत्म हो चुका है। सरकार शराबबंदी कानून पर चर्चा कराने से भाग रही है।

भाजपा के विधान परिषद सदस्य सम्राट चौधरी ने नीतीश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 1000 वोट वाले हैं, वो क्या बताएंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा। बिहार की जनता ने तय कर दिया है कि बिहार नीतीश मुक्त रहेगा।

उन्होंने आगे कहा कि तीसरे नंबर की पार्टी तय करेगी क्या मुख्यमंत्री कौन रहेगा। कुढ़नी हार चुके हैं बिहार भी हाथ से चला जएगा। नीतीश को विधानसभा को भंग करनी चाहिए। अभी फैसला हो जाएगा। उन्होंने शराब से मौत को लेकर नीतीश कुमार पर केस दर्ज कर जेल में डालने की बात भी की।

जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव ने खुद कहा है कि पहले 24 का इलेक्शन है। उस पर महागठबंधन का ध्यान है। वहीं आरजेडी-जेडीयू मर्जर पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। अगर किसी कोने में ऐसी बात उठी है तो ये आत्मघाती कदम होगा।

राजद विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने जहरीली शराब मामले को लेकर नीतीश सरकार को ही घेरा है। सुधाकर सिंह ने कहा कि शराबबंदी कागजों में ही है, हकीकत कुछ और है। उन्होंने कहा कि ‘सत्ता के लोग पार्टी फंडिंग और अपने लाभ के लिए शराबबंदी फेल करा रहे। बिहार में शराबबंदी जैसी कोई चीज नहीं हैं, सब जगह मिल रही शराब’। शराबबंदी पर सुधाकर सिंह ने कहा शराब के अलावा कोई भी खाने पीने के चीजों पर प्रतिबंध लगाना मानसिक दिवालियापन है।

छपरा के सारण में जहरीली शराब से 25 लोगों की मौत हो गई है। सुबह-सुबह अस्पताल में भर्ती 15 और लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 5 लोगों की मौत मंगलवार देर रात हुई थी। उसके बाद और 5 लोगों ने दम तोड़ दिया। बता दें कि  50 लोगों ने ज़हरीली शराब पी थी। इनमें से करीब 20 लोग अब भी जिले के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। 

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