वाराणसी। जिस बात का डर था, अब वैसा ही कुछ हो रहा है। दिल्ली से पलायन करने वाले कामगारों में धीरे-धीरे कोरोना के लक्षण दिखने लगे। भदोही में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां पिछले कुछ दिनों से शेल्टर होम में शरण लिए एक कामगार में कोरोना के लक्षण मिलने के बाद हड़कंप मच गया। फिलहाल जिस क्वाण्टाइन सेंटर में रखा गया था, उसे रेज जोन घोषितनकर दिया गया है।
दिल्ली से बिहार के लिए निकला था युवक
बिहार के कटिहार जिले का रहने वाला युवक दिल्ली में शटरिंग का काम कर आजीविका चलाता था। 24 मार्च को लॉकडाउन घोषित होने के बाद वह साथी कामगारों के साथ पैदल ही दिल्ली से बिहार के लिए चल पड़ा। आवागमन का कोई साधन नहीं मिलने के कारण उन लोगों ने रेलवे ट्रैक को ही राह बना ली और घर की ओर चल पड़े। 31 मार्च को भदोही जिले में प्रतापगढ़-वाराणसी रेल रूट पर मोढ़ के समीप लोगों की सूचना पर पुलिस ने उन्हें पकड़ा और प्राथमिक जांच-पड़ताल के बाद भदोही नगर के नेशनल इंटर कॉलेज में बनाए गए शेल्टर होम में रख दिया गया।
साथी कामगारों की हो रही है जांच
भदोही नगर स्थित नेशनल इंटर कॉलेज के शेल्टर होम में 135 लोगों के साथ निगरानी में रखे गए युवक में कोरोना संक्रमण की पुष्टि यहां पहुंचने के 10 दिन बाद हुई। इस दौरान साथ रहने वाले कामगार और शेल्टर होम में देखरेख और सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाले सभी कर्मचारी रेड जोन में आ गए हैं। कमाने के लिए कटिहार से दिल्ली गया बिहार का युवक जांच से पहले न जाने किन-किन लोगों में संक्रमण फैल चुका होगा। इस बात से भदोही जिले में लोग काफी डरे हुए हैं। शुक्रवार को एक युवक कोरोना वायरस पॉजिटिव मिला, दिल्ली से अपने घर बिहार जा रहा था।
जिला प्रशासन के सामने है बड़ी समस्या
ऐसे में जिला प्रशासन के सामने उन लोगों को ट्रेस करने की बड़ी समस्या है, जिसके संपर्क में यह युवक आया था। शेल्टर होम के अलावा दिल्ली से वापसी के वक्त वह कितने लोगों से मिला। सवाल इस बात को लेकर भी हैं की देश के अलग-अलग हिस्सों में शरण लिए लाखों की संख्या में कामगारों की जांच कैसे की जाए। क्योंकि इन लोगों में कोरोना के लक्षण दिखने में 12 से 14 दिन का समय लगता है।