प्राइवेट अनुभवी चिकित्सकों को ‘चिकित्सा मित्र’ बनाने की उठी मांग

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आरएमपी चिकित्सा रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू किए जाए : शिवकुमार गुप्ता

वाराणसी: रोहनियां (शुक्रवार,02/10/2020) प्राइवेट अनुभवी चिकित्सकों को मान्यता दिए जाने को लेकर डॉ राम मनोहर लोहिया चैरिटेबल ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मोहनसराय स्थित ट्रष्ट के सभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जयंती के अवसर पर बैठक का आयोजन किया। बैठक को सम्बोधित करते हुए ट्रष्ट के प्रमुख शिव कुमार गुप्ता ने कहा कि यूपी में प्राइवेट डॉक्टरों के बिना चिकित्सा सुविधाएं पूरी नहीं की जा सकती है। प्रदेश के सुदूर अन्चलों में चिकित्सा सेवा अपर्याप्त है जिन्हे केवल प्राइवेट चिकित्सक ही पूरा कर सकता है। प्राइवेट डॉक्टरों का दुख बयान करते हुए शिवकुमार ने कहा कि सेवाभाव से कार्य करने के बाद भी हमे झोलाछाप जैसे अपमानजनक शब्दों से सम्बोधित कर मानसिक रूप से पीड़ित किया जाता है। प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि जो प्राइवेट डॉक्टर 5 से 10 वर्षो तक प्रैक्टिस के आधार पर सेवा कर रहे है उन्हे अनुमति प्रदान कर प्रशिक्षण दे और मान्यता प्रदान करे जिससे कि हम लोग सम्मानजनक जीवन यापन कर सके। उन्होनें बैठक में आए प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद रत्न वैद्य विशारद इलेक्ट्रो होम्योपैथिक पद्धति से चिकित्सा करने वाले डॉक्टरों को मान्यता प्रदान की जाए जिससे कि प्रदेश में अपर्याप्त चिकित्सा सेवाओं को पूरा किया जा सके। डॉ० अजयभान सिंह ने कहा कि प्रदेश में विगत कई वर्षों से बन्द आरएमपी रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू किए जाए और प्रदेश के लगभग 20 लाख अपंजीकृत चिकित्सकों को एजूकेशन तथा सरकारी मेडिकल ट्रेनिंग के आधार पर चिकित्सा मित्र घोषित किया जाए। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की बात करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि आरएमपी आयुर्वेदिक यूनानी इलेक्ट्रो होम्योपैथिक आदि डाक्टर ग्रामीण इलाकों में जा कर लोगों को सस्ता इलाज मुहैया करवा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन को इन डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन को एक बार फिर से शुरू करना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा संबंधी सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए आरएमपी को फ्री मेडिकल ट्रेनिंग दिलवाने की व्यवस्था कराएं ताकि वे अच्छी तरह से लोगों का इलाज कर सकें।

वक्ताओं ने कहा कि उन्हें ‘चिकित्सा मित्र’ बनाया जाए आयुर्वेदिक/ आरएमपी चिकित्सकों को एलोपैथिक प्रैक्टिस करने की छूट दी जाए। विभिन्न पद्धतियों में पंजीकृत चिकित्सकों को छह माह का प्रशिक्षण देकर ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती की जाए। शिक्षामित्र की तरह ‘चिकित्सा मित्र’ घोषित किया जाए। आरएमपी चिकित्सकों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और क्लीनिकों में काम करने वाले कर्मचारियों को नर्सिंग या डिग्री/ डिप्लोमा धारक होना अनिवार्य किए जाने की मांग की। प्राइवेट चिकित्सकों को झोलाछाप का नाम न दिया जाए। उन पर छापामार कार्रवाई और नोटिस रोकी जाएं।

इसके पहले गांधीजी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित करके गांधी जी के जीवन वितृ चित्र प्रकाश डालकर बैठक की शुरुआत किया गया। अंत में हाथरस की पीड़िता को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित कर पीड़िता को इंसाफ देने की मांग भी रखी गई। संचालन डा अब्दुल्ला व अध्यक्षता शिव कुमार गुप्ता ने किया इस दौरान डॉ हिंचलाल, डॉ सर्वजीत सिंह, डॉ विजय बहादुर, डॉ एम के मौर्या, डॉ ओपी पटेल, डॉ सदानंद, पूनम, मदनलाल, शिवकुमार गुप्ता, राजकुमार गुप्ता, अजयभान सिंह, अब्दुला आदि लोग उपस्थित रहे।

धन्यवाद

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राजकुमार गुप्ता
वाराणसी

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