फार्मासिस्टों ने गांधीवादी तरीके से किया दो घंटे का कार्य बहिष्कार
ग्रेटर नोएडा;सरकार की वादाखिलाफी से नाराज डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है। 20 सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को जिले के सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्टों ने दूसरे दिन भी दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। लेकिन इस दौरान फार्मासिस्टों ने कार्य बहिष्कार के लिए गांधीवादी तरीका अपनाया और अपना दवा वितरण और टीकाकरण का काम छोड अस्पताल की साफ सफाई के लिए झाडू पोछा लगाने का काम किया। जिसके चलते नोएडा स्थित जिला अस्पताल से लेकर जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं दो घंटे तक पूरी तरह प्रभावित रहीं। फार्मासिस्टों की हडताल के चलते मरीजों को भी अस्पतालों में समस्याओं का सामना करना पडा।
डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के पूर्व संयुक्त मंत्री एवं वर्तमान जिला मंत्री कपिल चौधरी ने कहा कि सरकार फार्मासिस्टों व कर्मचारियों के साथ लगातार वादाखिलाफी कर रही है। जिससे नाराज फार्मासिस्ट संवर्ग डीपीए उत्तर प्रदेश के आहवान पर प्रदेशव्यापी आंदोलन पर है। लेकिन अभी तक भी सरकार के कानों पर जंू तक नहीं रैंगी है। ऐसे में जिले के तमाम फार्मासिस्ट शुक्रवार को दूसरे दिन भी दो घंटे के कार्य बहिष्कार पर रहे। लोग फार्मासिस्टों को काम चोर या फिर नाकारा ना समझे इसके लिए जिले के फार्मासिस्टों के द्वारा कार्य बहिष्कार का गांधीवादी तरीका अपनाया गया। जिसमें जिले के फार्मासिस्टों के द्वारा अपना दवा वितरण, टीकाकरण आदि का काम छोडकर अस्पतालों की साफ सफाई का जिम्मा उठाया गया। जिसमें जगह जगह पर फार्मासिस्टों के द्वारा अस्पतालों में झाडू लगाई गई तो कहीं पौछा लगाकर अपना विरोध दर्ज कराया।
कपिल चौधरी ने कहा कि सरकार यदि उनकी मांगों को नहीं मानती है तो फार्मासिस्ट अपने आंदोलन को और तेज करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अगर जल्द उनकी 20 सूत्रीय मांगों पर विचार नहीं करती है तो उनका यह आंदोलन 16 दिसंबर तक इसी तरह 2 घंटे प्रतिदिन कार्य बहिष्कार के रूप में जारी रहेगा। वहीं 17 दिसंबर से 19 दिसंबर तक आपातकालीन एवं पोस्टमार्टम सेवाओं को छोडकर पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार चलेगा। जिसके बाद फार्मासिस्ट तमाम स्वास्थ्य सेवाओं को बंद करने पर मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि सरकार यदि अपने इसी अडियल रवैये पर रही तो फार्मासिस्टों का यह आंदोलन उसके ताबूत की आखिरी कील साबित होगा। इस अवसर पर डीपीए गौतमबुद्धनगर के जिलाध्यक्ष रामनिवास बरहेला, महेश वर्मा, दीपक शर्मा, कमल कसाना, वीरदेव कौशिक, प्रीती शिवहरे, गिरेंद्र सिंह चौहान, संजीव कौशिक, बैजनाथ वर्मा, ऋषिदेव, भूमेश दीक्षित, पी के शर्मा आदि फार्मासिस्ट मौजूद रहे।
अनुज मौर्य रिपोर्ट