बाँदा के प्रो. संतोष भदौरिया बने गांधी विचार एवं शांति अध्‍ययन संस्‍थान के नये निदेशक

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बांदा-इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गांधी विचार एवं शांति अध्‍ययन संस्‍थान के निदेशक, हिंदी विभाग के प्रोफेसर संतोष भदौरिया को बनाया गया है। प्रो.संतोष भदौरिया का जन्म बुंदेलखंड क्षेत्र के बिवांर गाँव में हुआ । इनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के प्राथमिक विद्यालय से, स्नातक इलाहाबाद विश्वविद्यालय से और एम.ए, एम.फिल, पीएच.डी जेएनयू से सम्पन्न हुई।कई महत्त्वपूर्ण फैलोशिप और सम्मानों से सम्मानित प्रो.भदौरिया जी की दर्जनों आलोचना की पुस्तकें और प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं में लेख, समीक्षाएं और साक्षात्कार प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने बुंदेली धरा और हिंदी के प्रगतिशील कवि केदारनाथ अग्रवाल की कविता और उनके गद्य लेखन पर उल्लेखनीय कार्य किया है।
प्रो. संतोष भदौरिया को पिता से किसानी के संस्कार और मन मिला। यही वजह है कि ये जहाँ भी गये गांव हमेशा इनके साथ रहा।बुंदेली धरा और वहाँ के जीवन से अथाह प्रेम करने वाले संतोष भदौरिया के लेखन में आपको बुंदेली गाँव अपने पूरे गंवई परिवेश के साथ मौजूद मिलेगा। एक गंभीर अध्येयता के अंदर छिपे उनके बुन्देलखंडी लगाव को महसूस किया जा सकता है।उनको मिली इस नई अकादमिक जिम्मेदारी की खबर से पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। इस खबर से सभी बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
गांधी भवन को विगत वर्षों में नोबल पुरस्‍कार प्राप्‍त मदर टेरेसा, पूर्व प्रधानमंत्री मोराजी देसाई, साहित्‍यकार एवं समाजसेवी महादेवी वर्मा, एन. सुबाराव, सुशीला नैय्यर, प्रभाकर मेनन, राम कुमार वर्मा, यशपाल जैन, रामजी सिंह जैसे मनीषियों का सानिध्‍य प्राप्‍त हुआ है।

संस्‍थान में वर्तमान में पाठ्यक्रमों को संचालित करने , शांति अध्‍ययन को बढ़ावा देने तथा संस्‍थान को रिर्सार्स सेंटर के रूप में स्‍थापित करने नवाचार हेतु माननीया कुलपति महोदया ने प्रो0 भदौरिया को संस्‍थान का निदेशक बनाया है ।
प्रो. भदौरिया इस समय राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति के संयोजक की जिम्‍मेदारी भी संभाल रहे हैं। इससे पूर्व प्रो0 भदौरिया महात्‍मा गांधी अंतराष्‍ट्रीय विश्‍वविद्यालय,वर्धा में बतौर प्रोफेसर कार्य कर चुके हैं।विश्‍वविद्यालय के गांधी विचार एवं शांति अध्‍ययन संस्‍थान (गांधी भवन) की स्‍थापना महात्‍मा गांधी के जीवन,विचार और दर्शन पर आधारित अध्‍ययन,अध्‍यापन,शोध एवं सामाजिक सेवाओं हेतु की गई है।

राकेश कुमार अग्रवाल रिपोर्ट

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