रिपोर्ट – अनुज मौर्य
जहां संपूर्ण विश्व सहित भारत भी कोरोना19 वैश्विक महामारी से बुरी तरह जूझ रहा है। वही 9 अगस्त को होने वाली बीएड की प्रवेश परीक्षा में भारी संख्या में लड़के और लड़कियां विभिन्न शहरों में और अलग-अलग सेंटरों में परीक्षाएं देने के लिए एकत्रित होंगे। इसमें सबसे बड़ी बात और गौर करने वाली बात यह है कि B.Ed की प्रवेश परीक्षा में अधिकतर लड़कियां शामिल होती हैं। और इनके साथ अभिभावक भी जाएंगे। डर वहां और बढ़ जाता है, क्योंकि अधिकतर सेंटर दूसरे जनपदों में पड़े हैं। जहां बसों द्वारा जाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी ना हो पाना पाया जाएगा। इस दरम्यान क्या यह परीक्षा करवाना अनिवार्य है। यह बहुत ही चिंता का विषय है। शायद सरकार का ध्यान इस ओर नहीं गया जहां स्कूल कॉलेज प्रदेश के पूरी तरह से बंद है। और ऑनलाइन पढ़ाई की भी व्यवस्था की गई। वही इस तरह की परीक्षा का आयोजन कर भीड़ इकट्ठा होना बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है। समय रहते अगर परीक्षा की तिथि में बदलाव नहीं किया गया तो वैश्विक महामारी कोरोना को और तेज हवा मिल सकती है। और इसकी पूरी तरह से जिम्मेदारी परीक्षा नियंत्रक की होंगी। या परीक्षा की नई तिथि घोषित करे। या अन्य किसी माध्यम से परीक्षा कराई जाए। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। रिपोर्टो की बात करें तो भीड़ में होने से इसमें संक्रमित पाए जाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए सरकार द्वारा यह प्रयास किया जाना चाहिए कि कहीं भी भीड़ इकट्ठा ना हो। यही वर्तमान की समस्या से निराकरण पाने के लिए सही होगा।