रायबरेली। बीस वर्षो से ज्यादा हो गए एक मांग मात्र मांग ही रह गई है। तहसील मुख्यालय के साथ साथ ब्लॉक , कोतवाली होने के बावजूद एक बस स्टेशन नही बन सका। वही हर रोज जाम से जूझते राहगीरो के मुंह पर केवल एक ही शब्द बस स्टेशन न होने से जाम लगता है, पर आज तक बस स्टेशन लोगो के लिए ख्वाब ही रह गया है।और नेताओ के वादे वादे ही रह गए।
बताते चलें कि कस्बे में आए दिन जाम से राहगीर के साथ साथ दुकानदार भी परेशानी का सामना करता है। वहीं राहगीरों के मुख पर केवल एक ही शब्द रहता है की एक बस स्टेशन बन जाए तो जाम से छुटकारा मिल सकता है। लेकिन यह शब्द केवल शब्द की तरह ही रह जाते है धरातल पर कुछ नही दिखता।
वहीं पिछले कई वर्षो से एक बस स्टेशन की मांग उठती चली आ रही है।वही बड़े बड़े माननीय द्वारा चुनावी वर्ष में हर बार दावे और वादे किए गए परन्तु बस स्टेशन बनना तो दूर की बात प्रयास करना भी मुनासिब नही समझा गया।
वहीं कस्बे के लोगो का खाना है की क्षेत्र में हर रोज पूरा कस्बा जाम के झांम में फसा रहता है।केवल सड़क पर बस व डग्गामार वाहनों की वजह से अगर एक बस स्टेशन का निर्माण हो जाए तो जाम से निजात मिल सकता है।
- अशोक यादव एडवोकेट