अब 2024 से 2080 तक मकर संक्रांति 14 जनवरी के बजाय 15 जनवरी को मनाई जाएगी।
मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी को, शंका समाधान।
मकर संक्रांति का त्योहार हर साल सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के अवसर पर मनाया जाता है। बीते कुछ वर्षों से मकर संक्रांति की तिथि और पुण्यकाल को लेकर उलझन की स्थिति बनने लगी है। आइए देखें कि यह उलझन की स्थिति क्यों बनी हैं और मकर संक्रांति का पुण्यकाल और तिथि मुहूर्त क्या है। दरअसल इस उलझन के पीछे खगोलीय गणना है। गणना के अनुसार हर साल सूर्य के धनु से मकर राशि में आने का समय करीब 20 मिनट बढ़ जाता है। इसलिए करीब 72 साल के बाद एक दिन के अंतर पर सूर्य मकर राशि में आता है। ऐसा उल्लेख मिलता है कि मुगल काल में अकबर के शासन काल के दौरान मकर संक्रांति 10 जनवरी को मनाई जाती थी। अब सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का समय 14 और 15 के बीच में होने लगा क्योंकि यह संक्रमण काल है।साल 2012 में सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 15 जनवरी को हुआ था इसलिए मकर संक्रांति इस दिन मनाई गई थी। पिछले कुछ वर्षों में मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई गयी ऐसी गणना कहती है। इतना ही नहीं करीब पांच हजार साल बाद मकर संक्रांति फरवरी के अंतिम सप्ताह में मनाई जाने लगेगी।ज्योतिषीय गणना एवं मुहुर्त चिंतामणी के अनुसार सूर्य सक्रान्ति समय से 16 घटी पहले एवं 16 घटी बाद तक का पुण्य काल होता है निर्णय सिन्धु के अनुसार मकर सक्रान्ति का पुण्यकाल सक्रान्ति से 20 घटी बाद तक होता है किन्तु सूर्यास्त के बाद मकर सक्रान्ति प्रदोष काल रात्रि काल में हो तो पुण्यकाल दूसरे दिन माना जाता है। इस वर्ष भगवान सूर्य देव 14 जनवरी रविवार को रात्रि 02 बजकर 42 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेगें। इसी के अंतर्गत 14 जनवरी को अयोध्या जनपद के तहसील बीकापुर क्षेत्र के रामपुर भजन कृषक इंटर कॉलेज में खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया भारी भरकम संख्या में इलाकाई लोगों के अलावा अन्य जनपदों के ब्राह्मणों ने ब्राह्मण समाज जिंदाबाद के नारे लगाएं। पंडित राज का प्रसाद पांडे पंडित के पास निधन तिवारी पंडित भोले शंकर शुक्ला पंडित सरवन कुमार दुबे आज दर्जन और संभ्रांत व्यक्तियों द्वारा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रामपुर कृषक इंटर कॉलेज के प्रबंधक अवधेश पांडे का लोगों ने मल्हार पढ़कर जबरदस्त स्वागत किया कार्यक्रम का संचालन पंडित भोले शंकर शुक्ला ने किया उन्होंने अपने संचालन कल में लोगों को सिखाया भी समझाया भी बताया भी और जिंदगी के रास्ते पर चलने के लिए रास्ता भी दिखाया क्योंकि अवसर था मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी भोज का। कृषक इंटर कॉलेज रामपुर भजन बंधुओ से खचाखच भरा रहा इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक राजकुमार तिवारी ने आए हुए अतिथियों का अंग वस्त्र स्मृति चिन्ह तथा सुंदरकांड देखकर लोगों का सम्मान करते हुए सभी का आभार जातया है। उन्होंने कहा कि यदि समाज और क्षेत्र साथ देता रहेगा तो यह खिचड़ी भोज प्रति वर्ष कराया जाएगा इस बार रामपुर भजन में पहली बार ऐसा ऐतिहासिक खिचड़ी भोज करा कर राजकुमार तिवारी चर्चा में आ गए हैं वैसे तो राजकुमार तिवारी कोई नया नाम नहीं है कोरोना कल में इन्होंने शासन प्रशासन आमजन तक के लिए मदद करने के सौभाग्यशाली बने हैं।
सूर्य धनु से मकर राशि में 14 जनवरी को प्रवेश कर रहा है। अतः धर्म सिंधु के मतानुसार..
मकरे पराश्चत्वारिंशत्।।
अर्थात मकर में परली चालीस घड़िया पुण्यकाल है।
इदं मकरकर्कातिरिक्तं सर्व- त्र रात्रिसंक्रमे ज्ञेयम् ॥
अयने तु मकरे रात्रिसंक्रमे सर्वत्र परदिनमेव पुण्यम् ॥
अर्थात👉 मकर में रात्रि को संक्रांति होय तो सर्वत्र परदिन में पुण्यकाल माना जाता है।
अतः इस वर्ष उदया तिथि के में संक्रांति आरम्भ होने के कारण 15 जनवरी सोमवार के दिन संक्रान्ति का पर्व मनाया जाना ही शास्त्रोचित है।
रिपोर्ट- मनोज कुमार तिवारी
ब्राह्मण समाज के बैनर के तले कृषक इंटर कॉलेज रामपुर भगन में प्रबुद्ध जनों का संपन्न हुआ खिचड़ी भोज
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