गांव की महिलाओं ने स्व निर्मित वस्तुओं की लगाई प्रदर्शनी
प्रतापगढ़। मॉडल गांव बेसार विकास खण्ड पट्टी में ग्राम स्थापना दिवस मनाया गया। स्थापना दिवस का आयोजन ग्राम प्रधान बेसार कंचन पटेल, मॉडल गांव टीम और समस्त बेसारवासियों के सहयोग किया गया। स्थापना दिवस समारोह में सेवानिवृत्त आईएएस अजय दीप सिंह, सेवानिवृत्त सीजीएम नाबार्ड मुनीश, सौरभ लाल (सीईओ) मॉडल गांव के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों और समस्त ग्रामवासियों ने प्रतिभाग किया।
मॉडल गांव प्रोजेक्ट भारत के सभी गांवों को आत्मनिर्भर एवं मॉडल गांव बनाने की एक पहल है। गांव वालों को विकास के प्रति जागरूक करने के लिये विलेज मैनिफेस्टो के माध्यम से 25 विकास बिन्दुओं पर अनेकों गांव में कार्य किया जा रहा है। इसी प्रयास के तहत ग्राम बेसार में स्थापना दिवस मनाया गया जो कि विलेज मैनिफेस्टो में दिये 25 विकास के मुद्दों में से एक है।
मॉडल गांव प्रोजेक्ट के मानद सलाहकार आईएएस डा0 हीरालाल के मार्गदर्शन में चल रहे इस कार्यक्रम में ग्राम बेसार के लोगों को मिलकर आगे बढ़ने के तरीके बताये गये और जनसहभागिता से काम करने की प्रेरणा दी गयी। रिटायर्ड सीजीएम मुनीश ने गांव की महिलाओं द्वारा निर्मित वस्तुओं को मार्केट प्रदान करने पर चर्चा की और गांव के किसानों की आय में वृद्धि करने के तरीकों पर चर्चा की।
छोटे बच्चों ने अनेकों पोस्टर एवं झांकियां सम्पूर्ण गांव में लगायी। गांव के युवाओं ने सभी गांव वासियों को एकत्रित किया, भोजन एवं भीड़ प्रबन्धन और तैयारियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। महिलाओं ने अपने हाथों से बने गृज सजावट के सामान, शुद्ध खाद्य सामग्री एवं अनेकों वस्तुओं का प्रदर्शन किया। इन सभी वस्तुओं के निर्माण में आमतौर से घर में पाई गयी बेकार पड़ी चीजों का इस्तेमाल किया गया।
बेसार में पहली बार ऐतिहासिक स्थापना दिवस मनाया गया। यह प्रतापगढ़ जनपद में नयी पहले है।
इस कार्यक्रम से गांव वालों में आपसी सहयोग और समन्वय मजबूत हुआ। सभी गांव वालों ने मिलकर पूरे गांव की सफाई की और सहभागिता से स्वच्छता का प्रदर्शन किया। सभी गांव वालों ने मिलकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। गांव के कलाकारों को हुनर दिखाने और निखारने का मंच मिला।
गांव की महिलाओं ने स्वयं निर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी लगायी। इन वस्तुओं को बाजार प्रदान करने का प्रयास किया जायेगा। सभी गांव वाले गांव विकास का सपना देखने लगे और इसके बारे में सोचने लगें। गांव में उत्पन्न सामानों को बेचने के लिये प्रयास शुरू किया गया। यह एक बड़ा कदम है।
सभी के चेहरे पर खुशहाली और मुस्कान, जोश, सहयोग देखने लायक था। पूरा गांव आपसी मतभेदों को भुलाकर एक मंच पर आकर, एक स्वर में गांव विकास का नारा लगा रहा था। डिजिटल नेम प्लेट के नवाचारी कार्य का उद्घाटन हुआ।
रिपोर्ट-अवनीश कुमार मिश्रा