रतापुर चौराहे से लेकर शहर के प्रमुख चौराहों में खुलेआम बिना किसी कोविड नियमो के बेचे जा रहा चिकन

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रायबरेली-

कोरोना वायरस के संभावित खतरा को लेकर देश में हलचल मचा है। राज्य सरकार ने भी 31 मार्च तक स्कूल, कॉलेज में पठन-पाठन बंद करने सहित सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम को भी रद्द करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही पूरे राज्य के प्रशासन सहित डॉक्टर भी अलर्ट हैं। लेकिन, शहर में सड़क किनारे अवैध रूप से संचालित चिकन और मटन की दुकानदारों पर जिला प्रशासन की नजर नहीं जा रही है। यही कारण है कि कोरोना वायरस के संभावित खतरे के बाद भी शहर के दुकानदार खुले में मटन बेच रहे हैं। बकरों को बलि देने से लेकर मीट की बिक्री के लिए सरकार ने जो मानक तय किए हैं उसका पालन नहीं हो रहा है। ऐसा कर मीट व्यवसायी ग्राहकों को खतरे में डाल रहे हैं। शहर में एक भी मटन और चिकन दुकान विभाग से निबंधित नहीं है। 

शहर में मांस-मछली की करीब 100 दुकानें सड़कों और चौक-चौराहों पर सजी हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि किसी भी दुकान के पास मांस काटने और बेचने का लाइसेंस नहीं है। बावजूद शहर में खुलेआम बकरे और मुर्गे कट रहे हैं। शहर के रतापुर चौराहे के निकट अवैध ढंग से बिना लाईसेंस के चिकेन की दुकानें बिना किसी भी नियम को।दरकिनार करते हुए खुलेआम चिकेन को बेचा जा रहा है वही कहारों का अड्डा ,पुलिस लाइन रोड, सहित कई कई स्थानों पर नियमों की अनदेखी कर खुलेआम सड़कों पर मांस बेचा जा रहा है। इन दुकानों पर मांस को बिना ढके टांगा जाता है, जिन पर मक्खियां भिनभिनाती रहती है। हैरत की बात यह है कि कुछ दुकानदार अस्वस्थ बकरे और मुर्गे भी काट लोगों में बीमारी परोस रहे हैं। साफ-सफाई के अभाव में तेज दुर्गंध निकलती है। लेकिन दुकानों के संचालकों पर कोई असर नहीं पड़ता है। 

सड़क किनारे खुले में बिक रहे मटन-चिकेन रोक लगाने की उठी मांग

कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण के बीच मुख्यालय में खुले में मांस-मछली और मुर्गा की बिक्री धड़ल्ले से जारी है। जिससे आम लोगों की सेहत को खतरे में डाला जा रहा है। । जिससे अधिकारियों अनदेखा कर देते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार एक तरफ लोग कोरोना वायरस से भयभीत हैं। इसके बावजूद बाजार में लोगों ने कहा कि मछली व मांस विक्रेता द्वारा निकला कचरा भी वहीं फेंक दिया जाता है। जिससे निकलने वाली बदबू से लोगों को परेशानी हो रही है। लोग नाक बंद करके दुकानों के सामने से गुजरने को विवश हैं। कोरोना वायरस को लेकर खुले में मांस-मछली की बिक्री नही करने का सरकारी आदेश जारी होने के बाद खुले में मांस, मछली और मुर्गा धड़ल्ले से बिक रहा है। लोगों ने इस पर अविलंब रोक लगाने की मांग की है। 

मानकों का ख्याल है जरूरी

अवैधे मांस की बिक्री पर प्रतिबंध है। कारोबार करने वालों के पास एक कमरा होना चाहिए, जिसमें मांस का उत्पादन व बिक्री की अलग-अलग जगह निर्धारित हो। वध किए जाने वाले बकरे का स्वस्थ रहना सबसे अहम है। पशु चिकित्सा विभाग, नगर पालिका और पुलिस को कार्रवाई की शक्तियां है। 

हो सकती है पेट संबंधी घातक बीमारियां

डॉक्टरों की माने अगर कोई व्यक्ति अस्वस्थ बकरे की मांस का सेवन करता है तो उसे पेट संबंधी कई घातक बीमारियां हो सकती है। फूड प्वाइजनिंग हो सकता है। पेट में तेज दर्द के साथ ही उल्टी दस्त भी हो सकता है। स्किन में चकत्ते भी उभर सकते हैं। लोगों को मांस लेते समय ध्यान रखना होगा कि मीट ताजा और स्वस्थ्य जीव का मांस है कि नहीं। ज्यादा समय तक फ्रीजर में रखे मांस के सेवन से लोगों को बचना चाहिए। 

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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