रामलीला में कलाकारों ने सीता स्वयंवर, धनुष भंग, लक्ष्मण-परशुराम संवाद आदि का मंचन किया

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मौदहा(हमीरपुर)

मौदहा क्षेत्र के ग्राम इचौली में चल रहे 26वे शतचंडी महायज्ञ में मंगलवार को दिन की रामलीला में कलाकारों ने सीता स्वयंवर, धनुष भंग, लक्ष्मण-परशुराम संवाद आदि का मंचन किया। मंचन के दौरान महाराजा जनक के दरबार में स्वयंवर के दौरान जब कोई भी भगवान जी के धनुष को हिला सका तो महाराजा जनक ने कहा कि पृथ्वी शूरवीरों से हीन हो गई लगती है। जिसके प्रतिकर्म के बाद जब श्री राम ने धनुष को उठाया तो उसके दो हिस्से हो गए। शिवजी का धनुष टूटने पर गुस्साए परशुराम सभा में पहुंचे तथा धनुष तोड़ने वाले को ललकारा। परशुराम के क्रोध को देखकर श्रीराम बोले- है नाथ शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला आपका कोई एक दास ही होगा। इस बीच उनका लक्ष्मण के बीच संवाद हुआ।जिसमे इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं।
जे तरजनी देखि मरि जाहीं॥
देखि कुठारु सरासन बाना।
मैं कछु कहा सहित अभिमाना॥छुअत टूट रघुपतिहु न दोसू।
मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू॥
बोले चितइ परसु की ओरा।
रे सठ सुनेहि सुभाउ न मोरा॥ जिसका दर्शकों ने खूब आनंद लिया। संवाद के अंत में श्री राम के विष्णु रूपी ज्ञान प्राप्त होने पर श्री परशुराम भगवान राम के प्रति सत्कार प्रगट करते हुए वहां से चले गए।
इस मौके पर हर्षराज सिंह छुट्टन तिवारी,सौरभ मिश्रा, चून्नू सिंह,रामविशाल गुप्ता,विपिन पांडे,हरदीपक निषाद आदि

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