रेलवे स्थापना के 167 वर्ष हुए पूरे

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६५ वें रेल सप्ताह पर कोरोना वारियर्स की की गई सराहना

कुलपहाड़ (महोबा)। महाप्रबंधक उत्तर मध्य और उत्तर रेलवे श्री राजीव चौधरी ने 65 वें रेलवे सप्ताह के अवसर पर की रेलवे के कोरोना वारियर के प्रयासों की सराहना।

दिनांक 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच भारत में पहली यात्री ट्रेन का संचालन हुआ था। इस ऐतिहासिक दिन को चिह्नित करने के लिए, हर वर्ष 10 से 16 अप्रैल के मध्य भारतीय रेल में रेल सप्ताह के रूप में मनाया जाता है जब समारोहों का आयोजन किया जाता है और राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और मंडल स्तर पर मेधावी कर्मचारियों और अधिकारियों को सम्मानित किया जाता है। 167 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है जब संपूर्ण यात्री सेवाएं निलंबित हैं।

औपचारिक रेलवे सप्ताह समारोह जो अन्यथा बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं, को भी स्थगित कर दिया गया है। यात्री सेवाओं के पूरी तरह से स्थगित होने के बावजूद रेलकर्मी इस राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के पहिये को चलायमान बनाये हुए हैं और इस महामारी से कई मोर्चों पर संघर्षरत हैं। 65वें रेलवे सप्ताह पर अभी कोई औपचारिक समारोह नहीं हो रहा है, अतः महाप्रबंधक उत्तर मध्य और उत्तर रेलवे श्री राजीव चौधरी ने उत्तर मध्य रेलवे के सभी रेलवे कर्मचारियों के मोबाइल पर भेजे गए संदेश और छोटे वीडियो क्लिप के माध्यम से सभी रेलवे कोरोना वारियर्स को शुभकामनाएं दीं और आभार व्यक्त किया। इस प्रेस विज्ञप्ति के साथ संदेश और वीडियो क्लिप की प्रतिलिपि मेल की जा रही है। श्री राजीव चौधरी ने अपने संदेश में आवश्यक सामग्री की उपलब्धता को बनाए रखने और कोविड-19 के प्रसार के रोकथाम के लिए रेलवे के कुछ महत्वपूर्ण योगदानों का उल्लेख किया, जो निमनवत हैं:-

• लॉकडाउन के दौरान न्यूनतम आवश्यक कर्मचारियों के साथ, उत्तर मध्य रेलवे ने नियमित माल गाड़ियों और पार्सल गाड़ियों का संचालन सुनिश्चित किया। उत्तर मध्य रेलवे ने सभी जोनल रेलवे के मध्य मालगाड़ियों की औसत गति में उच्चतम सुधार दर्ज किया और टाइमटेबल के अनुसार चल रही पार्सल ट्रेनों की समयपालनता 80% से ऊपर बनाए रखा।

• लॉक डाउन अवधि के दौरान प्रौद्योगिकी और नवाचार के उपयोग के साथ ही पूर्ण प्रतिबद्धता, कर्तव्यनिष्ठा और कड़े परिश्रम से सभी परिसम्पत्तियों का अनुरक्षण कर बिना एसेट फेलियर के निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित कर रहे हैं।

• आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति मे कोई भी कमी ना हो, इसके लिए उत्तर मध्य रेलवे द्वारा 40 पार्सल स्टेशनों और पार्सल के प्रत्येक पैकेट को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मात्र एक डिब्बे वाली पार्सल विशेष गाड़ी का भी संचालन किया जा रहा है।

• कार्यस्थलों पर फेस कवर और सैनिटाइजर की किसी भी कमी को दूर करने के लिए, उत्तर मध्य रेलवे में दिनांक 15.04.20 तक आंतरिक स्रोतों से 120000 रीयूज़ेबल फेस कवर और 7300 लीटर सैनिटाइज़र का उत्पादन किया गया है।

• रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा आरोग्य सेतु ऐप को 100000 से अधिक बार डाउनलोड किया गया है।

• केंद्रीय चिकित्सालय, प्रयागराज और मंडल चिकित्सालय, झांसी में 100-100 आइसोलेशन बेड की सुविधाओं के अलावा, 130 कोचों को भी आइसोलेशन वार्ड के रूप में उपयोग के लिए परिवर्तित किया गया है।

• पीएम केयर्स फंड में लगभग रु 7.30 करोड़ रुपये का योगदान और लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने के लिए मुख्यालय तथा डिवीजनों में के कोविड-19 स्वैच्छिक योगदान फंड का बनाया गया है। रेल सुरक्षा बल, स्काउट्स एंड गाइड एवं विभिन्न विभागों के कर्मियों आदि के सामूहिक प्रयासों से दिनांक 15.04.20 तक 52000 से अधिक गरीबो और असहाय लोगों को भोजन प्रदान किया गया और इसे आगे भी जारी रखा जाएगा।

• उत्तर मध्य रेलवे ने मेडिकल कर्मियों के लिए पीपीई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कवरऑल भी तैयार करना शुरू कर दिया है। अनुमोदित प्रक्रिया से ग्वालियर और कानपुर में बने कवरॉल को रेलवे के डॉक्टरों द्वारा उपयोग हेतु उपयुक्त पाया गया है, उत्तर मध्य रेलवे पहले चरण में 2000 यूनिट कवरऑल बना रहा है जिसे आवश्यकतानुसार आगे बढ़ाया जाएगा।

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