राकेश कुमार अग्रवाल
कुलपहाड़ (महोबा) लाॅकडाउन के बावजूद सात फेरों का बंधन आज फिर बंध ही गया। नगर के प्राचीन बगराजन मंदिर प्रांगण में सुरेंद्र के संग रानी ने सात फेरे लिए।
अक्षय तृतीया में शादियों का सगुन सबसे मंगलकारी माना जाता है। इसलिए हर साल सबसे ज्यादा शादियां इसी पर्व पर होती हैं। लेकिन कोरोना महामारी के कारण चल रहे लाॅकडाउन के कारण शादियों पर शामत आ गई। ज्यादातर शादियां मुहूर्त के वावजूद टल गईं। लेकिन बेलाताल के अमानपुरा निवासी सुरेन्द्र तिवारी (35 वर्ष) की रविवार को बमीठा निवासी रानी मिश्रा (उम्र 32 वर्ष) के साथ नगर के बगराजन मंदिर में सादगी से संपन्न हो गई। सादगी से सम्पन्न विवाह में महज आधा दर्जन लोग शामिल हुए।
लाॅकडाउन के चलते अब कई परिवार शादियां टालने के बजाय मन्दिर से सादगी से शादी कर रहे है इसके लिए प्रशासन भी सहयोग कर रहा है।