आस्था चैनल व यूटयूब चैनल के लिए लगाए गऐ कैमरों का मुंह केवल मंच पर
– कथावाचक अनुज शास्त्री ने चोरी से वीडियो शूट कर फेसबुक पर अपलोड किया
धर्मक्षेत्र। योगेश्वर श्री कृष्ण का अपमान करने के साथ श्रीराम कथा के मंच से मौला मौला का गान करने वाले विवादित कथावाचक मोरारी बापू की पोल खोलने का काम धर्मनगरी के निवासी कथावाचक अनुज शास्त्री ने किया है। अनुज शास्त्री ने न केवल विवादित कथा वाचक के झूठ को सबके सामने लाने का काम किया है बल्कि उस सच्चाई को सामने लाने का भी काम किया है, जिसको पिछले सात दिन से विवादित कथा वाचक व डीआरआई की टीम छिपाने का काम कर रही है।
बताया जाता है कि विवादित कथावाचक की टीम ने अपने गुजराती संबंधों का प्रयोग कर कोरोना कफर्यू के दौरान आरोग्य घाम परिसर के अंदर 50 लोगों की परमीशन के साथ श्री राम कथा करवाने की अनुमति प्राप्त की। सूत्र बताते हैं कि कथा के लिए परमीशन देने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से सीधे फोन कलेक्टर के पास आया था। मृत्यु संस्कार में दस व्यक्तियों की अनुमति के साथ धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों की रोक के बाद भी इस कार्यक्रम को अनुमति मिलना किसी के भी गले नही उतरा। लेकिन लाॅकडाउन के कारण बंद मंदिर व अखाड़ों को लाॅजों में तब्दील कर देने वाले संतों को ज्यों ही विवादित कथावाचक के पास से बुलावा आया तो दक्षिणा के मोटे पैकेट देखकर सभी भाग लिए। बताया जाता है कि कथावाचक के साथ लगभग सौ लोगों की टीम आई है। इसके साथ ही आरोग्यधाम व डीआरआई में लगभग 200 से 300 लोग काम करते हैं। चित्रकूट के सभी प्रमुख संतों व गणमान्य व्यक्तियों को जोड़ दे ंतो संख्या पांच सौं के उपर पहुंचती है। ऐसे में कथित तौर पर 50 लोगों की परमीशन के साथ पांच सौ लोगों को कथा सुनाना कोरोना जैसी त्रासदी भरे दौर में केवल विवादित कथावाचक ही कर सकता है।
सूत्र बताते हैं कि चित्रकूट में लगभग दो सौ कथावाचक रहते हैं। इनमें से पिछले डेढ साल से कई कथावाचकों को एक भी कथा का निमंत्रण नही मिला। अभी चित्रकूट के केशवगढ में होने वाली चिन्मयानंद बापू की कथा का कार्यक्रम भी कैंसिल केवल इसलिए हो गया है क्योंकि दिगंबर अखाड़े के महंत दिव्यजीवन दास ने साफ तौर पर कथा आयोजकों को कहा कि जब तक सब कुछ सामान्य नही हो जाता, वह कथा कराने के लिए स्थान देने के बारे में सोच नही सकते।
जगद्गुरू अतुलेशानंद महराज तो विवादित कथावाचक पर तमाम आरोप लगाकर शास्त्रार्थ की चुनौती दे चुके हैं। उन्होने कहा कि मुस्लिम एजेंडा चलाना मोरारी बापू का पुराना शगल रहा है। इस विवादित कथावाचक के साथ टीम में काफी मुस्लिम हैं। इसको कतई बक्शा नही जाएगा। चित्रकूट की धरती से इसको मुस्लिम धर्म का प्रचार नही करने दिया जाएगा।
वैसे अनुज शास्त्री द्वारा फेसबुक में कथा को सुनते हुए लोगों के साथ डालने के पीछे की उनकी मंशा साफ है कि पहले दिन डीआरआई की टीम के व्यक्तियों द्वारा जिस प्रकार बिना श्रोताओं की उपस्थित के कथा होने का प्रचार किया गया था। बाद में कुछ श्रोताओं की उपस्थिति की बात की गई, जबकि धार्मिक चैनल के कैमरे केवल कथावाचक व वादकों पर फोकस रहे।इस वीडियो के आधार पर कहा जा सकता है कि अनुज ने विवादित कथावाचक की पूरी पोल खोलकर रख दी।