संदिग्ध अवस्था में नइया किनारे मिले आरोपी की जिला अस्पताल में हुई मौत

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महराजगंज, रायबरेली। बेहोशी की हालत में संदिग्ध अवस्था में नइया किनारे मिले दुष्कर्म आरोपी की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत के मामले में परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है।

पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को शव गांव आने पर परिजनों सहित ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रख आन्दोलन शुरू कर दिया। मामले की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने पूर्व प्रधान की मदद से ग्रामीणों को समझाबुझाकर कार्यवाही का आष्वासन दे शान्त कराया। जिसके बाद परिजनों ने ग्रामीणों व पुलिस की मौजूदगी में शव का अन्तिम संस्कार कर दिया।

बताते चलें कि कैर गांव निवासी मोहन लाल (55) के विरूद्ध एक यवती के पिता की तहरीर पर पुलिस ने पांच दिन पूर्व दिये गये तहरीर पर मंगलवार सुबह दुष्कर्म का मुकद्मा दर्ज किया था।

आरोपी मंगलवार को ही ग्राम प्रधान पति मंषाराम के बुलाने पर दिल्ली से वापस आया था और मंषाराम के घर पहुंचा। मंषाराम के न मिलने पर वह महराजगंज कोतवाली जाने के लिए निकला लेकिन दोपहर में पुलिस को ग्रामीणों ने आरोपी के बेहोषी हालत में नइया किनारे पड़े होने की सूचना दी गयी।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को अस्पताल पहुंचाया जहां पर चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

बुधवार दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव गांव आने पर परिजनों सहित ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर धरना शुरू कर दिया। मृतक की पुत्री व दामाद का आरोप है कि गांव के जगन्नाथ व अन्य लोगो ने मेरे पिता के साथ मारपीट की और जबरन जहर खिला दिया।

मामले में पहुंची पुलिस व पूर्व ग्राम प्रधान गंगाराम के समझाने पर और पुलिस द्वारा मामले में कार्यवाही करने का आष्वासन देने पर ग्रामीण शान्त हो सके। पुलिस की मौजूदगी में ही परिजनों ने शव का अन्तिम संस्कार कर दिया।

  • अशोक यादव एडवोकेट
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