सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी शुक्रवार से दो दिन ही हड़ताल पर रहेंगे।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी शुक्रवार से दो दिन ही हड़ताल पर रहेंगे। इससे सामान्य बैंकिंग कामकाज प्रभावित हो सकता है। वेतन संशोधन को लेकर प्रबंधन के साथ बातचीत में सहमति नहीं बनने के बाद बैंक यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सहित विभिन्न बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित कर दिया है कि हड़ताल से उनका सामान्य बैंकिंग परिचालन प्रभावित हो सकता है।
बैंक यूनियनों ने हड़ताल का किया आह्वान
सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है जबकि शुक्रवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया जाना है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने हड़ताल का आह्वान किया है। इसमें ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (AIBOC), ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन (AIBEA) और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW) सहित नौ बैंक यूनियनें शामिल हैं।
हड़ताल की वजह ?
AIBOC के अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि इससे पहले मुख्य श्रमायुक्त के साथ बैठक बेनतीजा रही थी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों का वेतन संशोधन नवंबर, 2017 से लंबित है। AIBEA के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ हमारी मांगों को लेकर आज हुई बैठक विफल रही है। ऐसे में वे शुक्रवार से दो दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं।
UFBU ने एक परिपत्र में आरोप लगाया है कि आईबीए वेतन संशोधन की उनकी मांग पर सख्त रवैया अपना रहा है। NOBW के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा कि UFBU की 13 जनवरी को मुंबई में हुई बैठक में वे इस नतीजे पर पहुंचे थे कि उन्हें अपनी मांगों के समर्थन में अपने आंदोलन को तेज करना होगा।