साधन सहकारी समितियों में यूरिया खाद नहीं मिलने से किसान परेशान

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यूरिया खाद नहीं मिलने से फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच गई

रिपोर्ट – संदीप कुमार फिज़ा

लालगंज (रायबरेली) :डलमऊ तहसील क्षेत्र के अर्तगत साधन सहकारी समितियों मे यूरिया खाद के लिए किसानों मे हाहाकार मचा धान की फसल बर्बाद हो रही जिससे किसानों को चिंता सताने लगी बात करें तो मुख्यालय सहित आसपास क्षेत्र के गांवों में किसानों को यूरिया खाद नहीं मिलने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध मे ऐहार देवगांव उमरामऊ रामपुर बरस रनमऊ पिलखा बाल्हेमऊ खरगपुर सौताना बसंतपुर कठोइया मधुकरपुर डलमऊ तहसील क्षेत्र के कई बड़े व छोटे किसानों को वर्तमान समय में यूरिया खाद न मिलने अत्यधिक समस्या का का सामना करना पड़ रहा है। अन्नदाता का यह हाल है कि, फसल में समय पर अगर खाद नहीं पड़ पाएगी, तो फसल की पैदावार कम हो जाएगी, और फसल भी कमजोर हो जाएगी। जिसकी वजह से किसान की माली हालत डामाडोल हो जाएगी।

आपको बता दें कि, यूरिया खाद की समस्या को लेकर किसानों की परेशानी को ना, तो उच्चाधिकारी सुन रहे हैं और न ही किसानों की समस्याएं उन्हें दिखाई पड़ रही है। सिर्फ कागजी बयान बाजी हो रही है जिससे क्षेत्र के किसानों के अंदर आक्रोश देखने को मिल रहा है।

क्षेत्र के किसान सुशील शुक्ला सजीव शुक्ला रामचरन यादव राम कृष्ण देवकुमार यादव अशोक कुमार सधन त्रिवेदी रामदेव त्रिपाठी रामचन्द्र समेत लगभग दो दर्जन लोगों का कहना है कि, फसलों में इन दिनों सिंचाई का दौर चल रहा है, और सिंचाई के साथ किसानों को फसलों के लिए यूरिया खाद की आवश्यकता हो रही है। लेकिन सहकारी समितियों पर ताले लटक रहे हैं। सहकारी समितियों के सचिवों का कहना है कि, जब खाद आएगी, तभी किसानों को मिल पाएगी। वे कहां से लाकर दें, उन्होंने खाद की फैक्ट्री थोड़ी लगा रखी है। साधन सहकारी समितियों के सचिवों की अनर्गल बयानबाजी से क्षेत्र के किसानों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है।

इस समय यूरिया खाद की क्षेत्र में इतनी किल्लत है कि, 272 रुपए वाली यूरिया खाद की बोरी 400 से 500 रुपए प्रति बोरी दुकानदारों द्वारा खुलेआम बाजारों में बेची जा रही है। किसानों को सीधे-सीधे लूटा जा रहा है। यूरिया के लिए परेशान किसानो की समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है। अगर समय पर खाद ना मिली, तो किसानों का मुख्य स्रोत उनकी फसलें होती है जोकि, वह अपने खून पसीने से तैयार करता है। जो वर्तमान समय में यूरिया न मिलने के कारण पैदावार घट जाने का संकट किसानों को सता रहा है। जिससे जिम्मेदार भी जानबूझकर बेखबर बने हुए है।समितियों में लटके ताले देख किसानों मे आक्रोश व्याप्त है। खाद की जानकारी कर रहे किसानों से अभ्रद भाषा शैली का प्रयोग कर रहे सचिव किसानों मे आक्रोश व्याप्त है।

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