रायबरेली-स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कितने गंभीर हैं ये हम आज आपको बताते हैं । ‘रिपोर्टस टुडे’ की टीम ने शुक्रवार की सुबह सीएमओ आफिस का मौका मुआयना किया तो न सिर्फ मनमानी उजागर हुई, बल्कि सरकार व शाशन का आदेश हैं ‘कि सुबह 10 बजे से पहले कोई अधिकारी-कर्मचारी दफ्तर नहीं पहुंचेगा तो उसका वेतन रोका जाएगा’ का भी पालन होते नहीं दिखाई दिया।
मौका मुआयना में कुछ कर्मियों को छोड़ दिया जाए तो अधिकारी-कर्मचारी सुबह के वक्त दफ्तर नहीं पहुंचे। तो वही विकलांग प्रमाण पत्र आफिस में 11 बजे तक ताला लगा हुआ था तो वही कई कर्मचारियों की कुर्सियां खाली पड़ी थी। दफ्तर खुले थे। ऐेसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कितने जिम्मेदार हैं अपने कामो के लिए अधिकारी कर्मचारी,जेल गार्डन रोड स्थित सीएमओ ऑफिस में बड़े बाबू से लेकर अन्य कर्मचारी मौजूद रहते हैं, लेकिन विकलांग विभाग में सुबह 11 बजे तक भी कोई नहीं मिला। कक्ष में 11 बजे तक ताला लगा हुआ था।
वही विकलांग विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कब आएंगे, बताने वाला भी कोई नहीं था। सीएमओ कार्यालय के कक्ष में कर्मचारी तो काम करने के लिए पहुंच गए, लेकिन कुछ अधिकारी गायब थे।विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने आए लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि जो कर्मचारी वा अधिकारी विकलांग प्रमाण पत्र बनाते हैं उनका कोई तय समय नहीं निर्धारित है जिसके कारण इस ठंड में दूर-दूर से आए विकलांग पुरुष व महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इस पूरे मामले पर सीएमओ साहब ना तो कोई जानकारी ले रहे हैं और ना ही कोई ध्यान दे रहे हैं इससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि सीएमओ साहब जानकारी होने के बाद भी व कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं
अनुज मौर्य रिपोर्ट