डलमऊ रायबरेली – केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा सफाई व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए प्रतिवर्ष लाखों रुपए खर्च करती है लेकिन साफ सफाई के नाम पर आने वाला रुपया भ्रष्टाचार की भीड़ चढ़ जाता है साफ सफाई के नाम पर खाना पूर्ति कर लाखों रुपए डकार लिए जाते हैं यदि सही मायने में यह रुपया धरातल तक पहुंचे तो सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान काफी हद तक सफल हो सकता है लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रहे स्वछता अभियान को नगर पंचायत डलमऊ द्वारा आम जनता की सुविधा के लिए बनवाए गए सुलभ शौचालय मुंह चिढ़ा रहे हैं इन दिनों नगर क्षेत्र के सुलभ शौचालय गंदगी से पटे पड़े हैं मुराई बाग मुख्य चौराहे के पास व्यापारियों आम जनता एवं राहगीरों की सुविधा के लिए बनाया गया सुलभ शौचालय गंदगी एवं दुर्गंध की मिसाल है नियमित रूप से सफाई न होने के चलते शौचायलयों से नाक को चीरने वाली वाली दुर्गंध की वजह से आम जनता शौचालय की तरफ जाने से भी कतराती है नगर के सलोन रोड शांति मनोहर स्कूल के पास बना सुलभ शौचालय भी गंदगी की भेंट चढ़ता जा रहा है वही प्रयागराज रोड पर पावर हाउस के पास बना सुलभ शौचालय के बाहर बड़ी-बड़ी घास जगी हुई है तथा शौचालय के अंदर गंदगी भरी हुई है कस्बे के विभिन्न मोहल्ले में नगर पंचायत द्वारा बनवाए गए सुलभ शौचायलयों में गंदगी की भरमार है कहीं-कहीं तो शौचालय के दरवाजे टूटे हुए हैं तो कहीं पर दरवाजा की कुंडली गायब है शौचालय की साफ सफाई एवं रखरखाव को लेकर जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता द्वारा कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जाती है कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व सर पर है मेले में आने वाली महिलाएं बच्चे पुरुष ऐसे में सौंच क्रिया के लिए कहां जाएंगे।
रिपोर्ट- विमल मौर्य
सुलभ शौचालय में गंदगी का अंबार नही होती कभी सफाई
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