साझा संस्कृति मंच के आह्वान पर बा बापू प्रतिमा के सामने टाउनहॉल मैदागिन में उपवास पर बैठे लोग।
वाराणसी: (दिनाँक 21 मार्च 2024) , बापू प्रतिमा के सामने टाउनहॉल मैदागिन में साझा संस्कृति मंच के आह्वान पर सामाजिक राजनैतिक बुद्धिजीवियों ने उपवास किया। प्रख्यात वैज्ञानिक समाजसेवी सोनम वांगचुंग जी लद्दाख में पिछले 16 दिन से अनशन पर बैठे हैं। माइनस 12 से 15 डिग्री के बेहद खराब मौसम में चल रहे इस अनशन के समर्थन में बनारस के बुद्धिजीवियों ने ये पहल ली।
पूर्ण लोकतांत्रिक राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख़ के जाने-माने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक 21 दिन के अनशन पर हैं।
केंद्र सरकार से इस दिशा में बातचीत विफल रहने के बाद वांगचुक ने अपना अनशन छह मार्च 2024 को शुरू कर दिया था।
उपवास स्थल पर जुटे लोगो मे 370 हटाए जाने के बाद बीजेपी सरकार द्वारा किए गए लोकलुभावन वादों को पूरा न किये जाने के प्रति आक्रोश दिखा। आम जनता में व्हाट्सऐप संदेश भेजे गए कि कश्मीर में जमीन ले पाएंगे और ये दूसरी आज़ादी है। लेकिन इसके विपरीत जम्मू कश्मीर और लद्दाख में अडानी अम्बानी को जमीन औने पौने दाम में दे दी गयी।
इसके अलावा, 370 हटा कर दूसरी आजादी देने के झूठ के नेपथ्य में पर्यटन सम्बंधित ऐसी नीतियाँ लागू कर दी गयीं हैं, जिसका लाभ स्थानीय निवासियों के बजाये देश विदेश के बड़े व्यावसायियों को मिलता है. स्थानीय होटल मालिकों, हथकरघा उद्योग और पश्मीना शॉल आदि से जुड़े कारीगरों के सामने अपनी संपत्ति बेच कर दिल्ली आदि शहरों में मजदूरी का विकल्प चुनना एक मजबूरी बन गयी है।
भारतीय संविधान की 6ठी अनुसूची भू उपयोग और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित है। बैटरी में प्रयोग किए जाने वाले लिथियम का बड़ा भंडार इस क्षेत्र में है। 1600 टन लद्दाख में और 60 लाख टन कश्मीर में लिथियम पाया गया है। अडानी अम्बानी जैसे बड़े उद्योगपतियों के आने से इस जगह प्राकृतिक संसाधनों का दोहन बढ़ेगा। सुन्दर झील, वन और पहाड़ों के साथ साथ स्थानीय जनजीवन को बर्बाद करने की इस कोशिश में बीजेपी सरकार सीधे सीधे शामिल है। सोनम जी का अनशन उस विशिष्ट क्षेत्र के जलवायु को संरक्षित करने के लिए है।
हजारों लद्दाख वासियों के साथ देश के पर्यावरण, लद्दाख की स्वायत्तता और वहां के वासियो को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग के ये मुद्दे हमारे और लद्दाख के जनजीवन से जुड़े हुए है।
वहां के लोग माइनस टेंपरेचर पर भी खुले आसमान के नीचे बैठे हुए हैं, जब उत्तर भारत में हम 1,2 टेंपरेचर होने पर भी घरों से नहीं निकलते हैं। सड़के सूनी हो जाती हैं। तब वहां के लोग खुले आसमान के नीचे बिना टेंट-तंबू के बैठे हुए है।उनको समर्थन देने के लिए वाराणसी के लोग बड़ी संख्या में आएं और उपवास में बैठे।
वांगचुंग जी के अनशन के समर्थन में एकजुटता प्रदर्शन के लिए एक दिनी उपवास कार्यक्रम में शामिल लोगों में प्रमुख तौर से रामधीरज , रविन्द्र दुबे, जागृति राही, डॉ आनंद प्रकाश तिवारी , प्रो आनंद कुमार, सिस्टर फ़्लोरिन, डॉ इंदु पांडेय, विनोद जायसवाल, नंदलाल मास्टर, आत्म प्रकाश, धनञ्जय, रोशन पांडेय, एकता शेखर, मृदुला मंगलम, योगेंद्र यादव, रोहन, कुणाल, रवि, अनूप श्रमिक,संजय कुमार, नीरज, मनीष, जितेंद्र, कहकशा, शांतनु आदि शामिल रहे।
रिपोर्ट – राजकुमार गुप्ता
सोनम वांगचुंग के क्लाइमेट फास्ट को बनारस का समर्थन
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